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MS Windows Shortcut Keys

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MS Windows Shortcut Keys विण्‍डोज साफ्टवेयर प्रोग्राम में माउस खराब हो जाने या की-बोर्ड पर कार्य करते समय बार-बार माउस के प्रयोग से बचने के लिए की-बोर्ड के एक या अधिक बटनों को एक साथ दबाकर माउस का कार्य किया जा सकता हैं। इसे की-बोर्ड शार्टकट कहा जाता हैं। विंडोज शॉर्टकट की (MS Windows Shortcut Keys) विण्‍डोज की बोर्ड शार्टकट शार्टकट बटन कार्य F1 Help विण्‍डो खोलना F2 चयनित वस्‍तु का नाम बदलना (Rename) F3 फाइल या फोल्‍डर खोजना (Search) F4 सक्रिय लिस्‍ट की सूची प्रदर्शित करना F5 सक्रिय विण्‍डो को रिफ्रेश करना (Refresh) F10 सक्रिय प्रोग्राम में मेन्‍यू बार प्रदर्शित करना F7 Spelling and Grammar की जांच करना Shift+F10 चयनित वस्‍तु का शार्टकट मेन्‍यू प्रदर्शित करना Alt+F4 सक्रिय प्रोग्राम को बंद करना Ctrl+F4 सक्रिय प्रोग्राम को बंद करना Shift+F3 Capital Or Small Letters में बदलना Esc वर्तमान कार्य को समाप्‍त करना (Cancel) Del चयनित वस्‍तु को नष्‍ट करना (Delete) END सक्रिय विण्‍डो या लाइन के अंत में पहुंचना Home सक्रिय विण्‍डो या लाइन के प्रारंभ में पहुंच...

What is Algorithm (एल्‍गोरिथम क्या है )

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What is Algorithm (एल्‍गोरिथम क्या है ) इस पोस्ट में हम जानेगे की एल्‍गोरिथम क्या है? Algorithm( एल्‍गोरिथम) कम्‍प्‍यूटर द्वारा किसी कार्य को  करने तथा वांछित परिणाम प्राप्‍त करने के लिए पूरी process को छोटे-छोटे  Instructions  में बांटा जाता है। इन  Instructions  को सही क्रम में क्रियान्वित कर वांछित परिणाम प्राप्त किया जा सकता है।एल्‍गोरिथम किसी वांछित परिणाम को प्राप्त करने के लिए बनायी गई चरणबद्ध प्रक्रिया (Step-by-step process) है। यह किसी प्रोग्राम के निर्माण में आवश्यक लॉजिक है जो समस्या के समाधान के लिए सीढी का निर्माण करता है । इस प्रकार, एल्‍गोरिथम छोटे-छोटे Instructions का group है जिसे निर्धारित Sequence में लिखे जाने पर result प्राप्त किया  किया जा सकता है। एक ही कार्य को करने के कईं,एल्‍गोरिथम हो सकते हैं । प्रोग्रामर को प्रोग्राम लिखने से पहले सर्वाधिक उपयुक्त  एल्‍गोरिथम का चुनाव करना पड़ता है।

ध्वनि प्रदूषण (Sound pollution)

ध्वनि प्रदूषण (Sound pollution) Author:   Ravi Gupta हमारे देश में विभिन्न अवसरों पर की जाने वाली आतिशबाजी भी ध्वनि प्रदूषण का मुख्य स्रोत है। विभिन्न त्योहारों, उत्सवों, मेंलों, सांस्कृतिक/वैवाहिक समारोहों में आतिशबाजी एक आम बात है। मैच या चुनाव जीतने की खुशी भी आतिशबाजी द्वारा व्यक्त की जाती है। परन्तु इन आतिशबाजियों से वायु प्रदूषण तो होता ही है साथ ही ध्वनि तरंगों की तीव्रता भी इतनी अधिक होती है, जो ध्वनि प्रदूषण जैसी समस्या को जन्म देती है। ध्वनि वह तत्व है, जिसका आभास हमारी कर्णेन्द्रियों से होता है। किसी वस्तु के कंपन से ध्वनि उत्पन्न होती है। ध्वनि की अवांछनीय तीव्रता को शोर (Noise) को कहते हैं। अग्रेजी का Noise शब्द लैटिन के Nausea शब्द से लिया गया। इस अदृश्य प्रदूषण से कई गंभीर समस्याओं ने जन्म लिया है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1972 में असहनीय ध्वनि को प्रदूषण का अंग ही माना हैं। तीव्र गति से बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण एवं यातायात के कारण ध्वनि प्रदूषण एक गंभीर समस्या के रूप में उभरा है और इसका कुप्रभाव मनुष्यों के ऊपर ही नहीं बल्कि पशु-पक्षियों एवं वनस्पतियों...

बायोगैस / Gobargas / Biogas

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बायोगैस / Gobargas / Biogas जैवगैस  या  बायोगैस  (Biogas) वह  गैस  मिश्रण है जो  आक्सीजन  की अनुपस्थिति में जैविक सामग्री के विघटन से उत्पन्न होती है। यह  सौर ऊर्जा  और  पवन ऊर्जा  की तरह ही  नवीकरणीय ऊर्जा  स्रोत है। बायोगैस स्थानीय उपलब्ध कच्चे पदार्थों एवं कचरा से पैदा की जा सकती है। यह पर्यावरण-मित्र और CO 2 -न्यू ट्रल है। बायोगैसचालित बस (स्वीडेन)  परिचय जैव गैस की निर्माण-प्रक्रिया बायोगैस  जीवाश्म ईंधन  से बनाया जा सकता है या हालिया मृत जैवसामग्री से। बायोगैस अधिकांशत: जीवाश्म ईंधनों से अधिक पसंद किया जाता है। कम मात्रा में  कार्बन  वातावरण के लिए स्वस्थ होता है, लेकिन अधिक होने पर यह तकलीफदेह बन जाता है। जीवाश्म ईंधनों में कार्बन इतने समय से मौजूद है कि वह अब कार्बन साइकिल का हिस्सा ही नहीं रह गई। जीवाश्म ईंधन के जलने पर कार्बन का स्तर बढ़ता है। बायोगैस हालिया मृत ऑर्गेनिज्म से बनता है, इसलिए यह वातावरण में कार्बन स्तर को नहीं बिगाड़ती। बायोगैस जीवाश्म ईंधन के...

रेन वाटर हार्वेस्टिंग (Rainwater harvesting)

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रेन वाटर हार्वेस्टिंग (Rainwater harvesting) Author:    Ravi Gupta यह एक आश्चर्यजनक सत्य है कि भारत में वर्षा के मौसम में एक क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति होती है जबकि दूसरे क्षेत्रों में भयंकर सूखा होता है। पर्याप्त वर्षा के बावजूद लोग पानी की एक-एक बूँद के लिये तरसते हैं तथा कई जगह संघर्ष की स्थिति भी पैदा हो जाती है। इसका प्रमुख कारण यह है कि हमने प्रकृति प्रदत्त अनमोल वर्षा जल का संचय नहीं किया और वह व्यर्थ में बहकर दूषित जल बन गया। वहीं दूसरी ओर मानवीय लालसा के परिणामस्वरूप भूजल का अंधाधुंध दोहन किया गया परन्तु धरती से निकाले गए इस जल को वापस धरती को नहीं लौटाया। इससे भूजल स्तर गिरा तथा भीषण जलसंकट पैदा हुआ। एक अनुमान के अनुसार विश्व के लगभग 1.4 अरब लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं है। प्रकृति ने अनमोल जीवनदायी सम्पदा ‘जल’ को हमें एक चक्र के रूप में दिया है। मानव इस जल चक्र का अभिन्न अंग है। इस जल चक्र का निरन्तर गतिमान रहना अनिवार्य है। अतः प्रकृति के खजाने से जो जल हमने लिया है उसे वापस भी हमें ही लौटाना होगा, क्योंकि हम स्वयं जल नहीं बना सकते। अतः हमारा...